5G : देश में 5G लॉन्च के बाद मोबाइल पर डाउनलोड की रफ्तार बढ़ी है। मोबाइल डेटा के लिए औसत डाउनलोड स्पीड 50.21 एमबीपीएस रही, यह फिक्स्ड ब्रॉडबैंड कनेक्शन के 54.17 एमबीपीएस से कुछ अंक पीछे थी। 5जी के लॉन्च के एक साल के भीतर फिक्स्ड फाइबर ब्रॉडबैंड से जुड़े स्मार्टफोन पर डाउनलोड की स्पीड तेज हुई है। ऊकला के स्पीडटेस्ट ग्लोबल इंडेक्स के मुताबिक, अगस्त 2023 में देश में मोबाइल डेटा के लिए औसत डाउनलोड रफ्तार 50.21 एमबीपीएस थी। अधिकांश दूरसंचार कंपनियों का मानना है कि यह जल्द फिक्स्ड ब्रॉडबैंड डाउनलोड रफ्तार को पार करेगी। क्योंकि 5जी का दायरा मौजूदा 360,000 टावरों के बजाय अब 400,000 टावर की संख्या को पार कर जाएगा। एक साल पहले तक अक्टूबर में दोनों मंचों के बीच अंतर तीन गुना था। फिक्स्ड ब्रॉडबैंड पर 48.19 एमबीपीएस की तुलना में मोबाइल की रफ्तार केवल 16.50 एमबीपीएस (4जी पर) रही थी।
फिक्स्ड ब्रॉडबैंड रफ्तार अगस्त में 86 हो गई
5जी मोबाइल पर स्पीड के चलते ऊकला स्पीडटेस्ट वैश्विक रैंकिंग में भारत पिछले साल अक्टूबर के 113 पायदान से आज 47वें पायदान पर पहुंचा है। इस अवधि के बीच, फिक्स्ड ब्रॉडबैंड रफ्तार पिछले साल अक्टूबर में 79 से कम होकर अगस्त में 86 हो गई। क्योंकि फिक्स्ड ब्रॉडबैंड की रफ्तार में मामूली रूप से 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई। गौरतलब है कि औसत रफ्तार के आधार पर भारत 5जी मोबाइल डाउनलोड रफ्तार 43.20 एमबीपीएस के वैश्विक औसत से बहुत आगे थी। लेकिन फिक्स्ड ब्रॉडबैंड के लिहाज से भारत वैश्विक औसत से काफी पीछे था। क्योंकि यह स्पीड बेहद धीमी गति से बढ़कर 82.77 एमबीपीएस हो गई।
सुदूर इलाके में फाइबर कनेक्टिविटी की जगह 5जी स्पेक्ट्रम
संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहना है कि 5जी के आने के बाद इस्तेमाल के नए रुझानों के बारे में कई सबस्क्राइबर वाईफाई के बजाय अब 5जी के साथ मोबाइल का उपयोग कर रहे हैं। हालांकि, एयरटेल, रिलायंस जियो के फिक्स्ड वायरलेस ब्रॉडबैंड (एफडब्ल्यूए) लॉन्च से इस खेल में बदलाव आने की उम्मीद है। एफडब्ल्यूए का विस्तार तेजी से हुआ है। सुदूर इलाके में फाइबर कनेक्टिविटी की जगह 5जी स्पेक्ट्रम (3.5 गीगाहर्ट्ज) को लेना है।
जियो फाइबर ऑफर(जो एफडब्ल्यूए है) ने 300 एमबीपीएस से 1 जीबी के बीच स्पीड का वादा किया है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि मिलीमीटर बैंड का कवरेज कम लेकिन रफ्तार ज्यादा है पर यह 1 जीबी से अधिक होगा।