अमित बिश्नोई
बीजेपी 2024 का लोकसभा चुनाव किन मुद्दों पर लड़ेगी इसकी झलक आपको साढ़े चार मिनट के उस वीडियो में मिल जाएगी जो भाजपा ने अपने ट्विटर हैंडल पर जारी किया है. आप सोच रहे होंगे कि ज़रूर इस वीडियो में मोदी सरकार की 9 साल की उपलब्धियों का बखान किया गया होगा। आपका सोचना काफी हद तक सही है और नहीं भी. क्योंकि इस वीडियो में मोदी सरकार द्वारा किये गए 16 कामों का ज़िक्र तो किया गया है मगर ज़्यादा ज़ोर इसपर है कि विपक्ष , विशेषकर कांग्रेस ने उन्हें कौन कौन सी उपाधि दी, जिसे मोदी जी गाली कहते हैं.
सवाल यह है कि जब मोदी जी ने स्वच्छ भारत, मुद्रा योजना, उज्ज्वला योजना, पांच किलो अनाज, जनधन खाता, पीएम आवास योजना फसल बीमा योजना, आयुष्मान योजना, किसानों को 6000 की आर्थिक मदद , हर घर जल, कोविड वैक्सीन, HAL हेलीकाप्टर फैक्टरी समेत जब इतनी उपलब्धियां अर्जित की हैं तो फिर भाजपा मोदी जी की तीसरी बार ताजपोशी के लिए, मौत का सौदागर, चाय वाला, चौकीदार चोर है, 100 सिरवाला रावण, औकात, चोर, नीच, मोदी तेरी कब्र खुदेगी, हिटलर, गौतम दास, कॉकरोच जैसी बातों का सहारा क्यों ले रही है. मोदी सरकार के इतने अच्छे अच्छे कामों का कद क्यों घटा रही है? क्यों इन गालियों (भाजपा इन सभी शब्दों और जुमलों को गाली की परिभाषा में रखती है) को इतना हाईलाइट कर 9 साल में किये गए 16 कारनामों को छोटा कर रही है.
आम तौर पर यही होता भी है कि मौजूदा सरकार अपनी उपलब्धियों को लेकर चुनाव में उतरती है मगर भाजपा के इस वीडियो को देखकर तो यही लगता है कि इस बार भी उसका मुख्य मुद्दा विकास न होकर मोदी जी को विपक्ष ने क्या क्या कहा इसी पर आधारित होगा। ऐसा लगता है कि भाजपा को अपने अच्छे कामों पर भरोसा नहीं, उसे लगता है कि उसे वोट विकास के नाम पर नहीं बल्कि इस बात पर मिलता है कि देखो मोदी जी देश की जनता के लिए कितना अपमानित होते हैं, फिर भी आगे बढ़ते जाते हैं.
वीडियो का शीर्षक भी यही है “मुझे चलते जाना है” और मोदी जी सारी बातों की परवाह किये बिना सीढ़ियां चढ़ते चले जाते हैं. वीडियो की बात करे तो कहानी 2007 से शुरू होती है, मोदी जी गुजरात के सीएम हैं और मंज़िल पीएम की कुर्सी है, मोदी जी आगे बढ़ते है और सबसे पहले उनका स्वागत मौत का सौदागर से होता है, मोदी जी आगे बढ़ते हैं तो उन्हें चाय वाला पुकारा जाता है, मोदी जी आगे बढ़ते हैं तो उनका यूएस का रिजेक्टेड वीज़ा दिखाया जाता है, इसके बाद कोई उन्हें 100 सर वाला रावण बताता है, मगर मोदी जी बिना परवाह किये 2014 में अपनी मंज़िल यानि पीएम की कुर्सी तक चाय की केतली लेकर पहुँच जाते हैं.
इसके बाद अगले पड़ाव यानि 2019 की यात्रा में उनकी उपलब्धियों को दर्शाया गया है, इस दौरान भी उन्हें रफाएल और चौकीदार चोर है का भी सामना करना पड़ता है मगर मोदी जी अपनी उपलब्धियां गिनाते हुए अपना दूसरा पड़ाव भी पार कर लेते हैं. अपने सफर को आगे जारी रखते हुए मोदी जी कोविड नामी बाधा को देशी कोविड वैक्सीन को हाथ में लेकर पार करते हैं और अंत में 5 ट्रिलियन इकोनॉमी के लक्ष्य की तरफ बढ़ जाते हैं. इस वीडियो की शुरुआत भी नकारात्मकता से होती है और अंत भी. इस पूरे वीडियो मोदी सरकार की दो उपलब्धियों का कहीं ज़िक्र न देखकर हैरत हुई, ये दो उपलब्धियां है नोटबंदी और GST. मोदी सरकार ने इन दोनों कामों को ऐतिहासिक बताया था और अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि भी मानती है. हो सकता है कि इन दो विशेष उपलब्धियों के लिए भाजपा कोई विशेष वीडियो जारी करे लेकिन फिलहाल तो उसने इशारा दे ही दिया है कि 24 का चुनाव कैसा होने वाला है.