दो सप्ताह के सस्पेंस को खत्म करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को पहली बार विधायक बनी रेखा गुप्ता को दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में अपनी पसंद घोषित कर दिया। शपथ लेने के बाद गुप्ता दिल्ली में भाजपा द्वारा नियुक्त की जाने वाली चौथी महिला होंगी और राजधानी में किसी भी पार्टी द्वारा इस पद पर नियुक्त की जाने वाली केवल नौवीं महिला होंगी। शपथ ग्रहण समारोह के बाद रेखा गुप्ता पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अलावा देश की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री होने का गौरव भी हासिल कर लेंगी।
रेखा गुप्ता वर्तमान में दिल्ली भाजपा की महासचिव के रूप में कार्यरत, वह पहले भाजपा की महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुकी हैं। उन्होंने 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में शालीमार बाग (उत्तर-पश्चिम) सीट से 68,200 वोटों से जीत हासिल की। पेशे से वकील रेखा गुप्ता ने 1996 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की अध्यक्ष के रूप में राजनीति में अपनी यात्रा शुरू की। बाद में उन्होंने नगर निगम की राजनीति में कदम रखा, 2007 में उत्तरी पीतमपुरा (वार्ड 54) से दिल्ली पार्षद का चुनाव जीता और 2012 में फिर से चुनाव जीता। उन्होंने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की मेयर के रूप में भी काम किया है।
यह निर्णय दिल्ली भाजपा विधायक दल की बैठक के बाद आया, जहां पार्टी के 48 नवनिर्वाचित विधायकों ने सर्वसम्मति से शालीमार बाग की विधायक रेखा गुप्ता को अपना नया नेता चुना। इससे पहले आज, भाजपा के संसदीय बोर्ड की दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर बैठक हुई और पूरी चयन प्रक्रिया की निगरानी के लिए वरिष्ठ पार्टी नेताओं रविशंकर प्रसाद और ओपी धनखड़ को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया।
गुरुवार को दोपहर 12.35 बजे रामलीला मैदान में सितारों से सजे समारोह में रेखा गुप्ता के दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने का रास्ता साफ हो गया है। इस समारोह में प्रधानमंत्री मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह और अन्य तथा व्यापार एवं संस्कृति से जुड़ी प्रमुख हस्तियां समेत भाजपा के शीर्ष नेता शामिल होंगे।
भाजपा विधायक दल की बैठक राजधानी में अपनी दिल्ली इकाई के कार्यालय में रात करीब 8 बजे हुई और रेखा गुप्ता को अपना नेता चुना गया। उनके नाम का प्रस्ताव प्रवेश वर्मा, सतीश उपाध्याय और विजेंद्र गुप्ता ने रखा।
गुरुवार को शपथ ग्रहण समारोह के साथ ही दिल्ली में 27 साल के अंतराल के बाद भाजपा सरकार बनेगी। सुषमा स्वराज 1998 में दिल्ली में भाजपा की आखिरी मुख्यमंत्री थीं। उनकी सरकार केवल 69 दिन चली।