उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ वाले चुनावी नारे महाराष्ट्र में सत्ताधारी महायुति के अंदर संग्राम मचा हुआ है. इस मुद्दे पर फडणवीस और अजित पवार आमने सामने आ खड़े हुए हैं. फडणवीस को जहाँ ‘बटेंगे तो कटेंगे’ या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक हैं तो सुरक्षित हैं’ जैसे नारों में कुछ भी गलत नहीं लगता है, वहीँ एनसीपी के प्रमुख अजित पवार इन नारों का ज़ोरदार विरोध कर रहे हैं।
अजित पवार के विरोध पर फडणवीस ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि वो लम्बे समय तक ऐसी शक्तियों के साथ रहे हैं जो हिन्दुओं को दुश्मन समझते हैं, उन्हें इन नारों का मतलब देर से समझ में आएगा। फडणवीस ने कहा, कि राजनीति में जब कोई नैरेटिव बनाता है तो उसका जवाब दिया जाना चाहिए। हमने देखा कि लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने वोट जिहाद किया, मौलवियों द्वारा फतवे जारी किए गए और इसके साथ ही कांग्रेस ने जाति के आधार पर विभाजन पैदा किया। इसका मतलब है कि एक तरफ उन्होंने मुसलमानों का ध्रुवीकरण किया और दूसरी तरफ हिंदुओं को विभाजित किया। ऐतिहासिक रूप से जब भी समाज का विभाजन हुआ, देश विभाजित हुआ और समाज को नुकसान उठाना पड़ा, इसलिए झूठे नैरेटिव का मुकाबला करना सही है.
फडणवीस की यह टिप्पणी विपक्ष की आलोचना के बीच आई है कि भाजपा विधानसभा चुनावों के दौरान इन नारों के इस्तेमाल के जरिए समाज में नफरत और विभाजन पैदा कर रही है। उन्होंने आगे कहा, “क्या आपने किसी हिंदू धार्मिक नेता को यह फतवा जारी करते देखा है कि अगर हिंदू भाजपा को वोट नहीं देते हैं तो यह भगवान के प्रति बेईमानी होगी? फतवा जारी करना एक मुद्दा है क्योंकि यह एक राजनीतिक फतवा है और सांप्रदायिक विभाजन पैदा करता है। हमें उस कथन पर प्रतिक्रिया देनी होगी।
फडणवीस ने कहा, “मैं पूरी तरह से मानता हूं कि लोकसभा चुनाव के दौरान हम एक काउंटर नैरेटिव सेट करने में बुरी तरह विफल रहे और इसके लिए हमें दोषी ठहराया जाना चाहिए। कम से कम महाराष्ट्र में, मैं विफल रहा और हम अति आत्मविश्वास में भी थे।” फडणवीस ने आगे कहा कि भाजपा लोकसभा चुनाव में पार्टियों के खिलाफ नहीं बल्कि ताकतों से लड़ रही थी। “भारत जोड़ो एक ताकत थी, जिसे अराजकतावादी और अति वामपंथी मानसिकता वाले लोगों ने बनाया था। इस ताकत ने एक हाइपरलोकल नैरेटिव बनाया और जब हमें एहसास हुआ कि वे हमारे खिलाफ एक नैरेटिव बना रहे हैं, तो हमारे पास इसका मुकाबला करने की कोई क्षमता, योग्यता और तंत्र नहीं था। हम इसके बारे में कुछ नहीं कर सकते थे। लेकिन अब हम पूरी तरह से तैयार हैं और हमारे पास क्षमता है।