RBI MPC Meeting: भारतीय रिजर्व बैंक की MPC बैठक के बाद आज गुरुवार को गवर्नर शशिकांत दास ने मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अब बैंकों को ‘रुपे प्रीपेड फॉरेक्स कार्ड’ जारी करने की अनुमति दी गई है। ये फैसला मौद्रिक नीति समिति की बैठक में लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से विदेश यात्रा करने वाले भारतीयों के लिए भुगतान करने की संभावनाएं और विकल्प बढ़ेंगे। इस कार्ड का उपयोग एटीएम, पीओएस और विदेश में ऑनलाइन व्यापार के उपयोग में किया जा सकेगा।
इस निर्णय के बाद अब बैंक विदेश में रुपे डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड व प्रीपेड कार्ड जारी कर सकेंगे। जिसका उपयोग भारत सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किया जा सकता है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने चालू वित्त वर्ष 2023—24 की दूसरी मौद्रिक बैठक में मासिक मौद्रिक नीति जारी करते हुए कहा कि ये निर्णय विश्वस्तर पर रुपे कार्ड की पहुंच और स्वीकृति को बढ़ाएंगे। यह फैसला भारत में बैंकों द्वारा जारी किए रुपे डेबिट और क्रेडिट कार्ड को मिली अंतरराष्ट्रीय स्वीकृति के मद्देनजर लिया गया है। इसके लिए भारत ने अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ द्विपक्षीय व्यवस्था की है।
भारत बिल भुगतान प्रणाली
उन्होंने कहा कि भारत बिल भुगतान प्रणाली (BBPS) एक ‘कभी भी, कहीं भी’ बिल भुगतान मंच है। जो अगस्त, 2017 से संचालित है। उन्होंने कहा कि इस समय BBPS से 20,500 से अधिक बिल जारी करने वाले लोग जुड़े हुए हैं। ये सभी लोग प्रत्येक माह 9.8 करोड़ रुपए से अधिक लेनदेन करते हैं। BBPS के दायरे को दिसंबर, 2022 में बढ़ाया था। जिससे कि भुगतान और संग्रह की प्रत्येक श्रेणियों को शामिल किया जा सके।
प्रणाली दक्षता बढ़ाने और अधिक भागीदारी
गवर्नर दास ने कहा कि प्रणाली दक्षता बढ़ाने और अधिक भागीदारी को प्रोत्साहन करने के लिए BBPS में सदस्यता और लेनदेन की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जाएगा। ई-रुपी डिजिटल वाउचर संबंध में दास ने बताया कि इसके दायरे और पहुंच को बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है। इसके तहत गैर-बैंक प्रीपेड भुगतान साधन (PPI) जारी करने वालों को ई-रूपी वाउचर जारी करने की अनुमति प्रदान की जाएगी। इसके अलावा व्यक्तियों की ओर से ई-रूपी वाउचर जारी करने के उपाय किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि ये उपाय ई-रूपी डिजिटल वाउचर लाभ को उपयोगकर्ताओं के सभी श्रेणी तक पहुंचाने में मदद करेंगे।