वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 11वें एसबीआई बैंकिंग और इकोनॉमिक्स कॉन्क्लेव 2024 में कहा कि बैंकों की ब्याज दरें और भी सस्ती होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उधार लेने की लागत वास्तव में बहुत तनावपूर्ण है और ऐसे समय में जब हम चाहते हैं कि उद्योग तेजी से आगे बढ़ें और क्षमता निर्माण की ओर बढ़ें, बैंकों की ब्याज दरें और भी सस्ती होनी चाहिए।” बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक की ब्याज दर वर्तमान में 6.50 प्रतिशत है। केंद्रीय बैंक पिछली 10 मौद्रिक नीतियों के बाद से ब्याज दरों को इसी स्तर पर बनाए हुए है। अक्टूबर की मौद्रिक नीति में आरबीआई ने समायोजन वापस लेने से तटस्थ रुख अपनाया है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले सप्ताह कहा था कि रिज़र्व बैंक को “निश्चित रूप से ब्याज दरों में कटौती करनी चाहिए”। इस पर शक्तिकांत दास ने चुटकी लेते हुए कहा कि वह दिसंबर में आने वाली मोनेटरी पालिसी के लिए अपनी टिप्पणी “सुरक्षित” रखेंगे। सीतारमण ने मुद्रास्फीति पर कहा कि शीर्ष तीन खराब होने वाली वस्तुएं मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर दबाव डाल रही हैं, जबकि अन्य प्रमुख वस्तुओं के लिए, संख्या वास्तव में चार या तीन प्रतिशत से कम है।
भारत की खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर में 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.2 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो पिछले महीने 5.5 प्रतिशत थी, क्योंकि सब्जियों की बढ़ती कीमतों के कारण खाद्य मुद्रास्फीति में तेजी आई। शक्तिकांत दास ने पिछले सप्ताह कहा था कि पिछले कुछ महीनों में वृद्धि के बावजूद उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति में नरमी आने की उम्मीद है।