18वीं लोकसभा के शपथ ग्रहण के दौरान कुछ सांसदों द्वारा ‘जय फिलिस्तीन’, ‘जय हिंदू राष्ट्र’ जैसे नारे लगाने पर उठे विवाद के बाद शपथ ग्रहण प्रक्रिया को लेकर एक अहम संशोधन पेश किया गया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन के कामकाज से जुड़े कुछ मामलों को विनियमित करने के लिए ‘अध्यक्ष के निर्देश’ में ‘निर्देश-1’ में एक नया सेक्शन जोड़ा है, जो पहले रूल्स का हिस्सा नहीं था। लोकसभा अध्यक्ष ने रूल 389 में अमेंडमेंट किया है, जिसके अनुसार अब कोई भी सांसद oath format के अलावा कुछ नहीं बोल पाएगा। कोई भी अन्य टिप्पणी या नारेबाजी नहीं कर पाएगा। शपथ प्रारूप से एक भी शब्द अलग बोलने पर लोकसभा अध्यक्ष को किसी भी सदस्य के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार होगा। लोकसभा में प्रक्रिया एवं कार्य संचालन के लिए निर्धारित नियमों के नियम 389 के अनुसार अध्यक्ष ने निर्देशों में निम्नलिखित संशोधन किए हैं…
नए रूल के मुताबिक, ‘संसद सदस्य भारत के संविधान के तीसरे शेड्यूल में निर्धारित oath format के अनुसार ही शपथ लेंगे या प्रतिज्ञान करेंगे और उस पर हस्ताक्षर करेंगे। इसके अलावा, शपथ लेते समय वह अपनी ओर से कोई शब्द या अभिव्यक्ति का प्रयोग नहीं करेंगे या कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।’
आपको बता दें कि हाल ही में जब 18वीं लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई जा रही थी, तो उनमें से कुछ ने शपथ लेने के बाद अपनी ओर से नारे लगाए। हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शपथ लेने के बाद ‘जय भीम, जय मीम, जय फिलिस्तीन’ का नारा लगाया। इसके बाद सांसदों के शपथ लेने के बाद नारेबाजी का सिलसिला शुरू हो गया। बरेली के भाजपा सांसद छत्रपाल गंगवार ने शपथ लेने के बाद ‘जय हिंदू राष्ट्र’ का नारा लगाया। गाजियाबाद के भाजपा सांसद अतुल गर्ग ने ‘अटल बिहारी वाजपेयी जिंदाबाद और नरेंद्र मोदी जिंदाबाद ‘ के नारे लगाए थे ।