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भ्रामक विज्ञापनों के मामले में बाबा रामदेव की पतंजलि को मांगनी ही पड़ी माफ़ी

ramdev

योगगुरु से बिजनेस मैन बने बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को आखिरकार भ्रामक विज्ञापन के मामले में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर माफ़ी मांगनी ही पड़ी. ये हलफनामा पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण की ओर से कल दाखिल किया गया था. अदालत ने उन्हें और बाबा रामदेव को 2 अप्रैल को अदालत में पेश होने के आदेश जारी किये थे. एक अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक हलफनामे में पतंजलि के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण की ओर से कहा गया है कि उन्हें कंपनी के “अपमानजनक वाक्यों (derogatory phrases)” वाले विज्ञापन पर खेद है।

बता दें कि 21 नवंबर को 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में पतंजलि को रक्तचाप, मधुमेह, अस्थमा और अन्य बीमारियों के इलाज के बारे में जारी विज्ञापन पर रोक लगाने का आदेश दिया था। अदालत ने कहा था कि पतंजलि के दावे न केवल ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (Objectionable Advertisements) अधिनियम, 1954 का उल्लंघन है, बल्कि अदालत की अवमानना ​​भी है.

सुप्रीम कोर्ट में पेश अपने हलफनामे में बालकृष्ण ने दावा किया कि उन्हें पतंजलि की दवाओं के विज्ञापन में किये जा रहे दावे की जानकारी नहीं थी। हलफनमे में कहा गया कि उन्हें खेद है कि विचाराधीन विज्ञापन के बारे में वो नहीं जानता था कि आपत्तिजनक वाक्य शामिल हैं। पतंजलि आयुर्वेद की ओर से अभिसाक्षी (deponent ) ने बयान के उल्लंघन के लिए सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगता है और यह सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में ऐसे विज्ञापन जारी न किए जाएं।

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