Bihar Political news: बिहार में बड़ी सियासी उठापटक चल रही है। बिहार की राजनीति में कभी भी कुछ हो सकता है। इसके बारे में अभी हालात अनिश्चित है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार JDU दफ्तर से लालू से मिलने पहुंचकर उनसे मुलाकात की है। वहीं उपेंद्र के सुर भी बदले हुए हैं। बिहार में रविवार को एक घंटे के दौरान सियासी उठापटक के के बाद राजनीति गर्मायी हुई है। इन संकेतों के चलते सियासी हलकों में चर्चा तेज है। दरअसल सबसे पहले तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट की बैठक बुलायी थी। इसके बाद लालू यादव से मुलाकात के लिए सीएम राबड़ी देवी के आवास गए। हालांकि इस दौरान लालू वहां मौजूद नहीं थे।
बिहार की सियासत में आ रहे बदलाव काफी अहम
इधर, इस दौरान जदयू छोड़कर नई पार्टी बनाने वाले उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) का बयान सामने आया है। जिसमें सीएम को लेकर उनके सुर बदले नजर आए। बिहार की सियासत में आ रहे बदलाव काफी अहम हैं। बता दें कि जदूय नेता और बिहार विधानसभा के डिप्टी स्पीकर महेश्वर हजारी (Maheshwar Hazari) ने दावा किया था कि आईएनडीआईए गठबंधन के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) होंगे। ऐसे में कैबिनेट बैठक (Bihar Cabinet Meeting) का बुलाया जाना और लालू यादव से मुलाकात को इससे जोड़कर देखा जा रहा है।
कांग्रेस पार्टी ने अपने विधायकों को इसमें शामिल करने की मांग की
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने सोमवार दोपहर 3.30 बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई थी। बताया जा रहा है कि इसमें प्रदेश से जुड़े कई अहम फैसले लिए गए हैं। इनमें से एक फैसला शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने का भी हो सकता है। कैबिनेट के विस्तार का मसला अभी फिर से लटक गया है। कांग्रेस पार्टी ने अपने विधायकों को इसमें शामिल करने की मांग की है। ऐसे में इस पर फैसला हो सकता है। बिहार सरकार (Bihar Government) के सचिवालय की ओर से जारी पत्र में कहा है कि अब आगे होने वाली मंत्रिपरिषद की बैठक (Cabinet Meeting) पटना में मुख्य सचिवालय स्थित मंत्रिमंडल कक्ष में अहम फैसले लिए जाएंगे। संयुक्त सचिव निशीथ वर्मा के हस्ताक्षर से जारी किए पत्र की प्रति सभी संबंधित अधिकरियों को भेजी है।
CM नीतीश ने की प्रमुख नेताओं से मुलाकात
लालू यादव से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जदयू कार्यालय पहुंचे। जहां पर उन्होंने पार्टी कार्यकार्ताओं से बात की। सूचना है कि इसके बाद सीएम बख्तियारपुर स्थित पैतृक आवास पर पहुंचे। जहां उनके आने की कोई सूचना नहीं थी। उन्होंने यहां पहुंचकर लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को जाना। वहीं लू अपने बेटे तेजप्रताप यादव के साथ राजगीर के दौरे पर चले गए। सीएम का ऐसे अचानक लालू यादव (Lalu Yadav) से मिलने के लिए जाना सियासी हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच आईएनडीआईए गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर बात होनी थी। खास बात यह है कि नीतीश ने लालू से मिलने आते और जाते समय मीडिया से भी कोई बात नहीं की।
उपेंद्र कुशवाहा के सुर बदले
इधर, जदयू से अलग होकर नई पार्टी बनाने वाले उपेंद्र कुशवाहा (Upendera Kushwaha) के सुर बदले हुए हैं। कुशवाहा का बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर खुलासे किए हैं। उन्होंने कहा कि मैंने कभी व्यक्तिगत तौर पर उन्हें (सीएम नीतीश कुमार) कुछ नहीं कहा है। जब हम पार्टी में थे तब सवाल करते थे। उनकी नीतियां जो ठीक नहीं होती थीं। उसका विरोध करते थे। मेरा उनसे राजनैतिक विरोध रहा है। उपेंद्र ने कहा कि मुझे उनकी बहुत फिक्र है। अच्छा होगा कि वे जितना जल्दी महागठबंधन छोड़ दें। नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को अगर खून देना होगा तो उसमें उपेंद्र कुशवाहा का नाम पहली पंक्ति में होगा। कुल मिलाकर उपेंद्र ने कहा कि नीतीश कभी याद करेंगे तो मैं समर्थन के लिए तैयार रहूंगा।