अमित बिश्नोई
भारत में इन दिनों क्रिकेट का महाकुम्भ चल रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि भारतीय टीम की तरफ इस बार कई बल्लेबाज़ों के बल्ले से शतकों की बारिश होगी मगर आज मैं यहाँ एक ऐसे शतक की बात कर रहा हूँ जो क्रिकेट के तमाम शतकों पर भारी है और यह शतक है पदकों का. ये शतक खेलों के एक और महाकुम्भ एशियन गेम्स में भारत की तरफ से आया है जो चीन के शहर हांगझोउ में इन दिनों चल रहा है, यह एशियाई खेलों में भारतीय एथलीटों का पहला सैकड़ा है और इसलिए इसका महत्व कुछ अलग ही. भारतीय खेमे में पदकों का यह शतक भारत की बेटियों ने उस समय पूरा किया जब महिला कबड्डी टीम ने चीनी ताइपे की टीम को 26-24 से मात देकर 25 गोल्ड मैडल हासिल किया।
भारतीय स्पोर्ट्स वर्ल्ड के लिए पदकों का ये शतक एक सुखद संकेत है. भारत अब क्रिकेट से आगे बढ़ते हुए उन खेलों में काफी बड़ी ताकत बनता जा रहा जिन खेलों में कभी हम पदकों के लिए तरसते थे. एक समय था जब ओलम्पिक हो या एशियाई खेल, भारत की पहचान सिर्फ हॉकी में होती थी लेकिन आज देश में खेल का माहौल बदला है, हम अन्य खेलों में भी एक बड़ी ताकत बनते जा रहे हैं. ज्वेलिन थ्रो में आज नीरज चोपड़ा का डंका बज रहा है, ट्रैक एंड फील्ड, शूटिंग, आर्चरी, बॉक्सिंग, रेसलिंग में पदक बरस रहे हैं, कांस्य से सोने तक का सफर तेज़ी से बढ़ता जा रहा है. तीरंदाज़ी, एथलेटिक्स और शूटिंग में तो भारतीय खिलाडियों ने गोल्ड मेडल्स की झड़ी ही लगा दी. आर्चरी में जहाँ पांच स्वर्ण पदक मिले तो वहीँ एथलेटिक्स और शूटिंग में 7-7.
देश ने एशियाई खेलों में पहली बार 100 मेडल हासिल किए हैं। ये भारतीय खेल जगत के लिए अच्छे संकेत हैं। इन 100 मेडल में 25 गोल्ड, 35 सिल्वर और 40 ब्रॉन्ज शामिल है. इससे पहले भारत ने जकार्ता एशियाई खेलों में 70 पदक हासिल किये थे. हांगझोउ एशियाड से पहले तक ये भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था, लेकिन अब इस एशियाड में यह रिकॉर्ड काफी छूट चुका है. इन दिनों चीन के हांगझोउ शहर में भारतीय दल अपना परचम लहरा रहा है. पदकों की ये संख्या अभी और बढ़ेगी। 100 मेडल के साथ भारत फिलहाल पदक तालिका में चौथे नंबर पर है। तालिका में चीन 356 मेडल के साथ टॉप पर है। इसमें 188 स्वर्ण, 105 रजत और 63 कांस्य पदक शामिल हैं। 47 गोल्ड के साथ 169 मेडल जीतकर जापान दूसरे नंबर पर है वहीं, कोरिया तीसरी पायदान पर है। कोरिया ने 36 गोल्ड, 50 सिल्वर और 86 ब्रॉन्ज समेत कुल 172 मेडल अपने नाम किये हैं। हम चौथे नंबर पर ज़रूर हैं लेकिन बड़ी बात गोल्ड मेडल्स के नंबर्स की है जिसमें अभी और इज़ाफ़ा होगा.
जहाँ तक इवेंट्स की बात है तो शूटिंग और तीरंदाज़ी में हमें पहले से ही अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी, एथलेटिक्स में इस बार सात गोल्ड लेकर उम्मीद से अच्छा प्रदर्शन किया, क्रिकेट जिसे पहली बार एशियाई खेलों में शामिल किया गया उसमें गोल्ड का सबसे प्रबल दावेदार भारत ही था, महिला टीम ने गोल्ड जीत लिया है और उम्मीद है कि अफ़ग़ानिस्तान को पीटकर भारत पुरुषों में भी स्वर्ण पदक हासिल कर सोने के तमग़ों की संख्या को और आगे बढ़ाएगा। भारत के लिहाज़ से स्क्वाश में मिले दो गोल्ड मैडल ख़ास हैं. स्कॉश में मेंस टीम का पाकिस्तान को हराकर गोल्ड हासिल करना ख़ास कहा जा सकता है, क्योंकि इस खेल में पाकिस्तान को बड़ी ताकत माना जाता है. भारतीय दल इसबार एशियाई खेलों में अबकी बार 100 के पार का लक्ष्य लेकर गया था और उसने समय से पहले इस लक्ष्य को हासिल कर लिया। आज पूरा देश अपने एथलीटों के इस ऐतिहासिक कारनामे पर गर्व महसूस कर रहा है. निश्चित रूप से देश में अब क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों की तरफ और रुझान बढ़ेगा और आने वाले समय में हम मेडल्स टैली की पायदान में और ऊपर नज़र आएंगे।