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2019 के दर्द को मिटाने का सही मौका

आर्टिकल/इंटरव्यू2019 के दर्द को मिटाने का सही मौका

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अमित बिश्‍नोई

सेमीफाइनल का मंच सज चूका है, भारत का सामना एकबार फिर उस न्यूज़ीलैण्ड से है जिसने 2019 के सेमीफाइनल में भारत को हार का दर्द दिया था। भारत का सफर इस विश्व कप में अबतक एकतरफा रहा है, उसने अपने सभी लीग मैच जीतकर अपना वर्चस्व स्थापित किया है तो दूसरी तरफ कीवियों के लिए इस विश्व का सफर उतार चढ़ाव से भरा रहा है, उसने आगाज़ तो बड़ा धमाकेदार किया मगर फिर गाड़ी पटरी से उतरी लेकिन अंततः उसने अंतिम चार में जगह हासिल ही कर ली. लीग चरण के इस सफर में अगर हम देखें तो टीम इंडिया के सामने अगर किसी एक टीम ने चुनौती पेश की थी तो वो न्यूज़ीलैण्ड की टीम ही थी, वरना बाकी सभी टीमों ने तो पूरी तरह घुटने तक दिए . इस विश्व कप में भारत की कामयाबी की सबसे बड़ी वजह सभी विभागों में उसका ज़बरदस्त प्रदर्शन रहा है, फिर वो चाहे रोहित, कोहली, KLR और श्रेयस की दमदार बल्लेबाज़ी हो या फिर बुमराह, सिराज, शामी, कुलदीप और जडेजा की धारदार गेंदबाज़ी।

देखा जाय तो जसप्रीत बुमराह की चोट के बाद जबसे टीम में वापसी हुई है तबसे भारतीय गेंदबाज़ी अलग ही रंग में नज़र आ रही है और उसपर प्लेइंग इलेविन में मोहम्मद शामी की एंट्री ने सोने पे सुहागा का काम किया है और भारतीय गेंदबाज़ी को इतना धारदार बना दिया है कि सामने आने वाला हर बल्लेबाज़ उससे कटता जा रहा है. जब सामने बड़ा स्टेज और दमदार विरोधी हो और चुनौतियां से भरा वानखेड़े जैसा वेन्यू हो तो किंग कोहली का एक अलग ही रूप देखने को मिल सकता है क्योंकि बकौल कोहली उन्हें चुनातियाँ पसंद हैं जो उन्हें प्रेरित करती हैं। विराट ने इस विश्व कप में अबतक कई रिकॉर्ड ध्वस्त किये, कई कीर्तिमान अपने नाम किये हैं और कई कीर्तिमान बनाने की कगार पर खड़े हैं. वानखेड़े के ऐतिहासिक मैदान पर एकदिवसीय मैचों में उनका औसत 60 का रहा है, कीवियों के खिलाफ तो उनका बल्ला हमेशा ही रन उगलता रहा है. ऐसे में भारत के करोड़ों क्रिकेट फैंस को किंग कोहली के बल्ले से एक और करिश्माई पारी की उम्मीद होगी. रोहित शर्मा से एकबार फिर एक और विस्फोटक शुरुआत लोग देखना चाहेंगे, के एल राहुल और श्रेयस ने पिछले मैच में जो रंग दिखाया है कल भी उसी रंग की ज़रुरत है. शुभमण पर एक बड़ी पारी ड्यू है, सूर्या को अगर मौका मिला तो उनके लिए अपने को साबित और ODI टीम में स्थापित करने का ये सबसे सुनहरा मौका होगा।

वहीँ भारत के पास अगर कोहली हैं तो न्यूज़ीलैण्ड के पास केन विलियम्सन मौजूद हैं। कीवी कप्तान इस विश्व कप में लगातार चोटिल रहे हैं लेकिन उन्होंने कभी भी हिम्मत नहीं हारी और शानदार वापसी की है. महत्वपूर्ण मैचों में वो पूरी तरह फिट न होने के बावजूद टीम के लिए उपलब्ध हुए हैं और डूबती हुई नैया को पार लगाया है. रचिन रविंद्र इस विश्व कप में न्यूज़ीलैण्ड की सबसे बड़ी खोज साबित हुए हैं जिन्होंने अपनी बल्लेबाज़ी से तूफ़ान खड़ा किया हुआ है और 565 रन बनाकर वो टॉप थ्री बल्लेबाज़ों में शामिल हैं , डेवेन कान्वे और डेरिल मिचेल भी शानदार बल्लेबाज़ी कर रहे हैं, अलबत्ता टॉम लैथम ज़रूर रंग में नहीं दिख रहे हैं. मैट हेनरी के चोटिल होकर विश्व कप से बाहर होने के बावजूद न्यूज़ीलैण्ड का अटैक दमदार है, पेस में भी और स्पिन में भी. भारतीय स्पिनरों के बाद सेंटनेर ही ऐसे स्पिनर रहे हैं जिन्हें हैंडल करने में बल्लेबाज़ों को काफी परेशानी हुई है. पिछले कुछ मैचों को देखें तो ट्रेंट बोल्ट को पुरानी स्विंग मिलती दिख रही है. तेज़ गेंदबाज़ काइल जेमिसन जो मैट हेनरी की जगह पर टीम आये हैं काफी खतरनाक रहे हैं, देखना ये होगा कि कप्तान विलियम्सन उन्हें प्लेइंग इलेविन शामिल कर भारतीय टीम को थोड़ा सरप्राइज़ करेंगे या नहीं क्योंकि जेमिसन का लम्बा कद और रफ़्तार उन्हें कुछ ख़ास बनाती है. कहा जा सकता है कि सही समय पर कीवी टीम अपने रंग में लौटती नज़र आ रही है.

टीम इंडिया जिस तरह का प्रदर्शन कर रही उसे देखते हुए लगता नहीं कि रोहित शर्मा अपने विनिंग कॉम्बिनेशन में कोई बदलाव करना चाहेंगे। ODI विश्व कप में भारत की जीत का प्रतिशत 42. 85 का रहा है लेकिन न्यूज़ीलैण्ड इकलौती ऐसी टीम है जिसने 2007 से लेकर अबतक हरबार विश्व कप के सेमीफाइनल में प्रवेश किया है. 2011 के बाद से टीम इंडिया सेमीफइनल का पड़ाव पार करने में नाकाम रही है और इसबार भी उनका सामना कीवियों से ही है जिन्होंने 2019 में टीम इंडिया को बाहर का रास्ता दिखाया था. इसके अलावा विश्व कप के सेमीफाइनल मुकाबलों न्यूज़ीलैण्ड टीम का ट्रैक रिकॉर्ड काफी प्रभावशाली है जो उन्हें फेवरिट भी बनाता है लेकिन इस विश्व कप में रोहित सेना की फॉर्म को देखते हुए ऐसा लग नहीं रहा है कि इसबार विलियम्सन आर्मी उन्हें फाइनल में पहुँचने से रोक पाएगी . भारत के पास 2019 के सेमी फाइनल में मिली हार का बदला चुकाने का सुनहरा मौका है. टीम इंडिया के हौसले आसमान छू रहे हैं ज़रुरत बस थोड़ी सावधानी की है, ज़रा सी असावधानी से न्यूज़ीलैण्ड को भारत के ज़ख्मों पर नमक छिड़कने का मौका मिल सकता है. याद रखिये कि आप चाहे जितना शक्तिशाली हों लेकिन दुश्मन को कभी कमज़ोर नहीं समझना चाहिए। करोड़ों देशवासियों की दुआएं टीम इंडिया के साथ हैं, टीम इंडिया ने जिस ब्रांड की क्रिकेट अबतक इस विश्व कप में खेली है उसे बस दो मैचों में और बरकरार रखना है और अपनी मंज़िल पर पहुंचना है.

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