त्रिपुरा में विधानसभा के लिए 16 फरवरी को चुनाव होने हैं. सत्ता में भाजपा है जिसने 25 वर्षों के सीपीआई एम् शासन को हटाकर पाई थी. भाजपा इस बार 55 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं वहीँ सहयोगी IPFT के लिए उसने पांच सीटें छोड़ी हैं. भाजपा को चुनौती देने के लिए सीपीआई-एम और कांग्रेस पार्टी दोनों साथ में आयी हैं. भाजपा ने सत्ता बचाने के लिए पूरा मोर्चा खोल दिया है विशेषकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा बहुत ज़्यादा सरगर्म हैं. उनके चुनावी भाषणों का मुख्य मुद्दा राम मंदिर और बाबर होते हैं. वहीँ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी चुनावी दौरे पर हैं।
गिनाई सरकार की उपलब्धियां
दक्षिण त्रिपुरा जिले के संतिर बाजार में भाजपा की विजय संकल्प जनसभा को संबोधित अमित शाह ने कहा कि वामपंथियों ने आपको अंधकार दिया था भाजपा ने आपको अधिकार दिए हैं। वामपंथियों ने विनाश दिया भाजपा ने विकास दिया है। भाजपा के राज में कैडर राज और टोला बाजी की परंपरा को समाप्त हो चुकी है, महिलाओं के खिलाफ अपराध में भारी कमी आयी है, त्रिपुरा अब विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है. अमित शाह ने सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि हमने सातवां वेतन आयोग लागू कर कर्मचारियों के साथ न्याय करने का काम किया है। शांति स्थापित करने का वादा पूरा किया है। मौका मिला तो अगले 5 साल में त्रिपुरा को पूर्वोत्तर का सबसे विकसित राज्य बनाने का काम पार्टी और सरकार करेगी।
बांग्लादेशी घुसपैठियों को रोकने में सिर्फ भाजपा सक्षम
पिछले पांच वर्षों से त्रिपुरा में राज करने के बावजूद पूर्व की वामपंथी सरकार पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा वामपंथियों को वोट देने का मतलब राज्य में फिर से हिंसा का शासन स्थापित लाना है। अमित शाह ने दावा किया कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को सिर्फ भाजपा ही रोक सकती है क्योंकि वाम और कांग्रेस तो इन्हें इन घुसपैठियों को वोटबैंक समझते हैं। पहले राज्य में कम्युनिस्टों का ‘कैडर रूल’ चलता था अब बीजेपी ने ‘संवैधानिक रूल’ स्थापित किया है। त्रिपुरा से भय के माहौल को समाप्त किया है.