चुनाव संचालन नियमों में किए गए संशोधन को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि यह सत्तारूढ़ दल द्वारा भारतीय चुनाव आयोग की संस्थागत अखंडता को नष्ट करने की एक “सुनियोजित साजिश” है।
चुनाव संचालन नियमों में केंद्र द्वारा शुक्रवार को किए गए संशोधन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, “चुनाव संचालन नियमों में मोदी सरकार का दुस्साहसिक संशोधन ईसीआई की संस्थागत अखंडता को नष्ट करने की उसकी सुनियोजित साजिश का एक और हमला है। इससे पहले, उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाले चयन पैनल से हटा दिया था और अब उन्होंने उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी चुनावी जानकारी को रोकने का सहारा लिया है।
पिछले कुछ महीनों में चुनाव आयोग को सौंपे गए ज्ञापनों का हवाला देते हुए कांग्रेस प्रमुख ने कहा, जब भी कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग को मतदाता सूची से नाम हटाए जाने और ईवीएम में पारदर्शिता की कमी जैसी विशिष्ट चुनाव अनियमितताओं के बारे में लिखा, तो ईसीआई ने अपमानजनक लहजे में जवाब दिया और कुछ गंभीर शिकायतों को भी स्वीकार नहीं किया। यह फिर से साबित करता है कि ईसीआई, भले ही एक अर्ध-न्यायिक निकाय है, स्वतंत्र रूप से व्यवहार नहीं कर रहा है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने जोर देकर कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा निर्वाचन आयोग की ईमानदारी को कम करने का प्रयास संविधान और लोकतंत्र पर सीधा हमला है और उनकी पार्टी उन्हें बचाने के लिए हर कदम उठाएगी। उल्लेखनीय है कि निर्वाचन आयोग ने शनिवार को स्पष्ट रूप से कहा कि उम्मीदवारों के पास पहले से ही सभी दस्तावेजों और कागजात तक पहुंच है और इस संबंध में नियमों में कोई संशोधन नहीं किया गया है।