आम आदमी पार्टी नेता और केजरीवाल सरकार में मंत्री आतिशी ने केजरीवाल द्वारा मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने के बाद उपराज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया। दरअसल इस्तीफ़ा और सरकार बनाने का दावा दोनों एक ही मुलाकात के दौरान हुआ। अब उपराज्यपाल विनय सक्सेना केजरीवाल का इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को मंजूरी के लिए भेजेंगे। इसके साथ ही वह नई सरकार बनाने के लिए आतिशी के दावा पत्र को भी राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजेंगे। केजरीवाल का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद एलजी आतिशी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करेंगे और शपथ ग्रहण समारोह की तारीख बताएंगे।
इस प्रक्रिया में कुछ दिनों का समय लगने की बात हो रही है, सबकुछ सही रहा तो फिर नई सरकार बनाने के लिए आतिशी को दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाने के बाद उन्हें दिल्ली विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने के लिए कहा जायेगा। बता दें कि सत्तारूढ़ आप सरकार ने 26-27 सितंबर को विधानसभा का सत्र पहले ही बुला लिया है। केजरीवाल सरकार में आतिशी के पास वित्त, शिक्षा और राजस्व समेत 14 विभाग थे। केजरीवाल के जेल में रहने के दौरान एक तरह से उन्होंने ही केयरटेकर मुख्यमंत्री के रूप में सरकार को ठीक से चलाया था।
दिल्ली में सरकार गठन का नियम क्या है?
गौरतलब है कि दिल्ली में नई सरकार के गठन में उपराज्यपाल और राष्ट्रपति कार्यालय की भी बड़ी भूमिका होती है। नियम के मुताबिक, विधायक दल का नया नेता अपने सदस्यों के साथ उपराज्यपाल से मिलकर नई सरकार बनाने का दावा पेश करता है। इस पर पहले उपराज्यपाल की सहमति लेनी होती है। उसके बाद राष्ट्रपति की ओर से अंतिम मुहर लगती है। आखिर में मुख्यमंत्री और उनकी कैबिनेट शपथ लेती है। केजरीवाल के इस्तीफे के दौरान उपराज्यपाल से मुलाकात के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘हमने नई सरकार बनाने का दावा पेश किया है। मैं दिल्ली की जनता के हितों की रक्षा करूंगी।’