महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी की हार का असर अब इंडिया ब्लॉक पर भी दिखने लगा है। इसका पहला संकेत कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा बुलाई गई ब्लॉक की बैठक में देखने को मिला जिसमें तृणमूल कांग्रेस शामिल नहीं हुई।
टीएमसी ने कहा कि उसके नेता कोलकाता में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में व्यस्त थे। लेकिन टीएमसी को संसद के पहले दिन के बारे में पता था और इसलिए उनकी अनुपस्थिति साफ तौर पर दिख रही थी।
टीएमसी के एक शीर्ष नेता के मुताबिक़ भारतीय जनता पार्टी के अलावा, हमें दो इंडिया ब्लॉक पार्टियों, कांग्रेस और सीपीएम का भी सामना करना पड़ रहा था, जिन्होंने हर सीट पर उम्मीदवार खड़े किए थे। हमारा गठबंधन में किसी भी पार्टी के साथ चुनावी गठबंधन नहीं है, इसलिए यह ऐसा सवाल नहीं है जिसका हमें जवाब देने की जरूरत है।” लेकिन मामला तब गंभीर हो गया, जब टीएमसी के कल्याण बनर्जी ने कहा कि टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी को इंडिया ब्लॉक का नेता बनाया जाना चाहिए।
कहा जा रहा है कि राहुल गांधी द्वारा की गई गलतियों का इंडिया ब्लॉक पर असर पड़ रहा है? वीर सावरकर का ऐसा मुद्दा है जिससे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और शरद पवार दोनों को परेशानी है। अब उन्हें लगता है कि इससे उन्हें चुनावों में नुकसान हुआ और भाजपा को अपने “बटोगे तो कटोगे” के एजेंडे को फैलाने में भी मदद मिली।
कई सहयोगियों को लगा कि महाराष्ट्र में रिजर्वेशन का मुद्दा काम नहीं करेगा। उन्होंने राहुल गांधी से इस स्टोरी को ज़्यादा आगे न बढ़ाने के लिए कहा था लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया। यहीं नहीं, राहुल गांधी की टीम के भीतर भी कुछ लोगों ने उन्हें “संविधान खतरे में है” कहानी के खिलाफ सलाह दी थी लेकिन गांधी ने इसे मुख्य मुद्दा मानते हुए हार मानने से इनकार कर दिया। सहयोगियों का कहना है कि राहुल गाँधी की हठ की वजह से इतनी बुरी हार मिली विशेषकर कांग्रेस को सबसे बुरी हार.