केंद्र सरकार ने एमपॉक्स के मामलों में वैश्विक वृद्धि को देखते हुए हवाईअड्डों, बंदरगाहों और सीमा अधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। जानकारी के मुताबिक देश के हवाईअड्डों, बंदरगाहों और बांग्लादेश और पाकिस्तान के साथ सीमाओं को सतर्क कर दिया है। तीन केंद्रीय अस्पतालों में सफदरजंग अस्पताल, राम मनोहर लोहिया अस्पताल और लेडी हार्डिंग में आइसोलेशन की सुविधा होगी।”
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, हमने पिछले सप्ताह राज्यों और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के साथ बैठक की थी। एंट्री पॉइंट अलर्ट पर हैं। एमपॉक्स का कोविड से कोई संबंध नहीं है। एमपॉक्स के लक्षण चिकनपॉक्स जैसे हैं, हालाँकि इसमें मृत्यु की संभावना अधिक है।
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने रविवार को एमपॉक्स के लिए देश की तैयारियों का आकलन करने के लिए एक समीक्षा बैठक का नेतृत्व किया। अब त्वरित पहचान और प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए उन्नत निगरानी उपाय लागू किए गए हैं। उच्च स्तरीय बैठक में बताया गया कि अभी तक देश में एमपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है। वर्तमान आकलन के अनुसार, निरंतर संचरण के साथ बड़े पैमाने पर प्रकोप का जोखिम कम है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अफ्रीका के विभिन्न हिस्सों में इसके प्रचलन के कारण एमपॉक्स को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल के रूप में वर्गीकृत किया है। हालांकि, इस समय डब्ल्यूएचओ द्वारा कोई यात्रा सलाह जारी नहीं की गई है।