भाजपा के अंदर पिछले कुछ दिनों से चल रही उठापटक और लखनऊ से दिल्ली तक चल रही बैठकों के बाद शुरू हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तेवर बहुत तीखे नज़र आ रहे हैं, उनके भाषणों को अगर सुने तो एक तरफ वो बाहरी विपक्ष पर हमले करते हुए दिखाई दे रहे हैं वहीँ अंदुरुनी विपक्ष को भी सन्देश देते हुए नज़र आ रहे हैं. योगी आदित्यनाथ के इन तेवरों पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन पर तंज कस्ते हुए अपने एक्स अकाउंट पर लिखा है कि दिल्ली का ग़ुस्सा वो लखनऊ में क्यों उतार रहे हैं? सपा प्रमुख ने कहा कि सवाल ये है कि इनकी प्रतिष्ठा को ठेस किसने पहुँचाई? ये बोल तो सामने वाले रहे हैं मगर बता पीछे वालों को रहे हैं, तो क्या कोई है पीछे?
दरअसल कल विधानसभा में योगी आदित्यनाथ ने प्रतिष्ठा वाली बात कही थी। मुख्यम्नत्री ने कहा था कि प्रतिष्ठा तो उन्हें मठ में मिल ही रही थी, वो यहाँ नौकरी करने नहीं आये हैं, वो यहां इस बात के लिए आये हैं कि अगर कोई अपराध करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। योगी ने आगे कहा था कि ये प्रतिष्ठा की लड़ाई नहीं है क्योंकि मुझे प्रतिष्ठा प्राप्त करनी होती तो अपने मठ में मिल जाती उसकी कोई ज़रुरत नहीं है मुझे. योगी आदित्यनाथ ये बात अयोध्या में एक रेप केस और लखनऊ में हुई छेड़खानी के मामले में कह रहे थे लेकिन कहा जा रहा है कि इसी बहाने उन्होंने पार्टी के अंदर उनपर हमला कर रहे नेताओं को भी सन्देश दिया और प्रतिष्ठा और मठ वाली इसीलिए कही.
योगी आदित्यनाथ की इसी बात को पकड़ते हुए अखिलेश ने आज उनपर कटाक्ष किया। अखिलेश यादव ने इस कटाक्ष के बहाने यूपी बीजेपी की अंदरूनी खटपट की तरफ इशारा किया है। बता दें कि लोकसभा चुनावों में ख़राब प्रदर्शन के बाद उत्तर प्रदेश बीजेपी में खींचतान की बातें रोज़ ही सामने आ रही है। उपमुख्यम्नत्री केशव प्रसाद मौर्य योगी आदित्यनाथ के खिलाफ लगातार हमले कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ उनकी अपनी पार्टी और सरकार में ही एक विपक्ष बनता दिखाई दे रहा है।