ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आज लखनऊ के नदवतुल उलमा के प्रांगण में कई मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया जिसमें समान नागरिक संहिता सहित कई अहम मसलों पर चर्चा हुई. बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए बोर्ड ने बताया कि देश में नफरत का जहर घोला जा रहा है जो देश के लिए नुकसानदेह है. स्वतंत्रता संग्राम और संविधान के बनाने वालों इस देश के जो रास्ता तय किया था यह उसके बिलकुल खिलाफ है. यहाँ सदियों से हर धर्म के मानने वाले, विभिन्न ज़बानों और सभ्यताओं से सम्बन्ध रखने वालों ने देश की खिदमत की है और देश को आगे बढ़ाने में बराबर का हिस्सा लिया है, अगर यह भाईचारा ख़त्म हो गया तो देश का बड़ा नुक्सान होगा.
मीडिया से नफरत की आग बुझाने की अपील
बोर्ड ने मीडिया समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों विशेषकर मीडिया से अपील की कि नफरत की इस आग को बुझाने की कोशिश करें। बोर्ड ने कहा कि कानून इंसानी समाज को सभ्य बनाता है और ज़ालिमों को इन्साफ के कटघरे में खड़ा करता है इसलिए यह ज़रूरी है कि कानून को अपने हाथ में न लें लेकिन बदकिस्मती से देश में कानून पर पूरी तरह से अमल किये बिना मकानों को गिराया जा रहा है और विरोध करने वालों को गिरफ्तार किया जा रहा है, जेलों में डाला जा रहा है.
हुकूमत मजहबी आजादी का एहतराम करे
बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने बताया कि हुकूमत मजहबी आजादी का एहतराम करे और समान नागरिक संहिता को लागू करना एक गैर जरूरी अमल होगा. इतने बड़े देश में जहां कई धर्मों को मानने वाले लोग हैं, वहा इस तरह का कानून मुमकिन नहीं है और न ही इससे देश का कोई फायदा होगा. उन्होंने कहा कि प्लेसिस आफ वरशिप एक्ट संसद ने पास किया है. उसको कायम रखना सरकार की जिम्मेदारी है. रहमानी ने कहा कि महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने और सामाजिक जीवन में उनकी भागीदारी बढ़ाने पर भी चर्चा की गई.