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Diwali Bonus: दिवाली बोनस मिलने के बाद सबसे पहले महंगा कर्ज चुकाएं या करें ये काम

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Diwali Bonus: दिवाली बोनस में मिली रकम को आम तौर पर आलीशान ढंग से छुट्टियां मनाने या त्योहार से जुड़े अरमान पूरे करने में लोग खर्च करते हैं। दिवाली बोनस का नाम सुनकर लोगों के चेहरे खिलते हैं। इसमें कोई संशय नहीं कि diwali bonus का इंतजार लोग बेसब्री से करते हैं। इससे लोग अपने घर में रंगाई-पुताई कराते हैं। इसके अलावा या फिर कोई बड़ा और महंगा सामान खरीदते हैं। जिसकी उनकी हसरत उनके मन में काफी पहले से लेने की थी।

पर्सनल लोन जैसे बिना गिरवी वाले कर्ज निपटाए

लेकिन वित्तीय सलाहकारों की इस मामले में कुछ सलाह और ही है। सलाहकारों का मानना है कि diwali bonus की रकम को आगे तक की जिंदगी के लिए बेहतर योजना बनाने वाले इसका समझदारी से इस्तेमाल करें। उनका मानना है कि diwali bonus मिलने के बाद सबसे बड़ी प्राथमिकता कर्ज और खास तौर पर ऊंचे ब्याज वाले कर्ज कम करने की होनी चाहिए। वित्तीय सलाहकार एम बर्वे का कहना है कि ‘सबसे पहले क्रेडिट कार्ड का बकाया चुकाए और उसके बाद पर्सनल लोन जैसे बिना गिरवी वाले कर्ज निपटाए।’ सही तो यह है कि निवेश से पहले अधिक ब्याज वाले कर्ज चुकाए जाएं।

बर्वे की सलाह है कि अगर महंगा कर्ज सिर पर लेकर निवेश करते हैं तो असल में घाटे में चले जाते हैं। ऐसी वित्तीय चूक को मेंटल अकाउंटिंग कहते हैं। मेंटल अकाउंटिंग तब होती है, जब लोग पैसे को अलग-अलग ‘अकाउंट’ में मानते हैं और सबको अलग-अलग तरीके से उपयोग करते हैं। सोचिए क्रेडिट कार्ड बकाये पर 40 फीसदी ब्याज कट रहा है, मगर बकाया निपटाने के बजाय अपनी रकम 7 प्रतिशत ब्याज के फेर में एफडी बनाकर बैंक में रखते हैं।

इमरजेंसी फंड बढ़ाएं

अगला काम आकस्मिक जरूरतों के लिए इमरजेंसी फंड बनाना और बढ़ाना है। अगर पास में इमरजेंसी फंड नहीं है तो इस रकम से वह फंड बनाएं। अगर इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल कर लिया है तो diwali bonus से भरपाई करें। सभी कहते हैं कि घर का महीने का बजट निकालिए और तीन से छह महीने के बजट के बराबर रकम बचाकर रखना चाहिए। लेकिन कुछ सलाहकार साल भर के घर खर्च के बराबर नकदी अलग रखने की बात करते हैं। जिनकी आय अनियमित है और जो ऐसी नौकरी करते हैं, जो आर्थिक स्थिति गड़बड़ाने पर जा सकती है। उन्हें 12 महीने की रकम रखनी चाहिए।

‘इमरजेंसी फंड ऊंची तरलता वाली, सुरक्षित और ब्याज दिलाने वाली योजना में ही रखना चाहिए। इन योजनाओं में स्वीप फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी), लिक्विड फंड और अधिक ब्याज वाले बचत खाते आते हैं।

सामान पर सोच समझकर करें खर्च

दीवाली पर लोग कंज्यूमर ड्यूरेबल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण खरीदते हैं। इसी के साथ ऑफलाइन और ऑनलाइन खरीदारी पर छूट के कारण गैजेट जमकर खरीदे जाते हैं। अब तो कार डीलर 25,000 रुपए से 1 लाख रुपए तक छूट दे रहे हैं।
मगर ऐसे चक्कर में पड़कर कर्ज के जाल में न फंसें। इसके लिए ‘आत्म-नियंत्रण का इस्तेमाल करें। केवल अच्छा ऑफर या बाय नाउ पे लेटर स्कीम देखकर कुछ भी बाजार से ना खरीद लाएं।’

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