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Delhi liquor scam: ‘आप’ पर शिकंजा! पार्टी को बनाया जा सकता है आरोपी? जानें कानून

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Delhi liquor scam: delhi liquor scam मामले में आम आदमी पार्टी को सीबीआई और ईडी आरोपी बनाने पर विचार रही है। सीबीआई और ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मामलों में आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाने के लिए कानून विशेषज्ञ से राय ली जा रही है। हालांकि इस मामले में कोर्ट ने एजेंसियों से सवाल किया है कि क्या किसी पार्टी को आरोपी बनाया जा सकता है!

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मामलों में आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाने पर विचार कर रही है। इससे पहले मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी दोनों एजेंसियों से इस बारे में सवाल किया था। कोर्ट ने कहा था कि आबकारी नीति से जुड़े मामले में कोई political party लाभार्थी है, तो उसे accused बनाया जाना चाहिए?

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने SC को बताया

ऐसे में अब सवाल उठता है कि क्या किसी राजनीतिक दल को आरोपी बनाए जाने पर दोनों एजेंसियां कोर्ट में वाद दायर कर सकती हैं। सीबीआई और ईडी ने आज सुप्रीम कोर्ट में कहा कि दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मामलों में हम आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाने पर विचार कर रहे हैं। जांच एजेंसियों की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वो शराब नीति अनियमितता मामले में आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाने पर विचार कर रहे हैं। इस मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान जांच एजेंसियों की ओर से दलील दी गई है। मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई कल बुधवार को सुनवाई जारी रहेगी।

दिल्ली शराब घोटाले में पहले क्या हुआ?

इससे पहले पांच अक्तूबर को दिल्ली शराब घोटाले के लाभार्थी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों से गंभीर सवाल पूछे थे। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि लाभार्थी आम आदमी पार्टी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी क्यों नहीं बनाया गया? सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने सवाल तब उठाया, जब भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसौदिया की दो जमानत याचिकाओं पर सुनवाई शुरू हुई। जिसकी जांच सीबीआई कर रही है।

संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच ईडी द्वारा हो रही है। ईडी ने दावा किया था कि आम आदमी पार्टी ने 2022 के गोवा विधानसभा चुनावों में अपने अभियान के लिए कई लाभार्थियों से रिश्वत में मिले 100 करोड़ रुपए का इस्तेमाल किया है। सुप्रीम कोर्ट के वकील विराग ने इस मामले में बताया कि जन-प्रतिनिधित्व कानून की धारा-29-ए के तहत राजनीतिक दलों का चुनाव आयोग में रजिस्ट्रेशन है। इसके अनुसार उन्हें कानूनी व्यक्ति का दर्जा मिलता है। जिसके तहत वे आयकर रिटर्न फाइल करने के साथ टैक्स में अनेक छूट हासिल करती हैं।

पार्टियां प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सभी तरह के लाभार्थी अपराध के दायरे में

पीएमएलए एक्ट की धारा-2 (1) (यू) में आपराधिक धन के मामले में पार्टियां प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सभी तरह के लाभार्थी अपराध के दायरे में आ सकती हैं। इस बारे में विजय मदनलाल चौधरी बनाम भारत सरकार मामले में 2022 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले में चर्चा हुई है। पीएमएलए एक्ट की धारा-3 के प्रावधान के मुताबिक आपराधिक धन और सम्पत्ति के गोपनीय, रखने या उपयोग से जुड़े सभी लोगों के खिलाफ पीएमएलए के तहत आपराधिक मामला तो बनता ही है।

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