- बीते पांच वर्ष में प्रदेश में ओवरवेट और ओबेसिटी से ग्रस्त लोगों की संख्या में तेजी से हुआ इजाफा, महिलाएं अधिक शिकार
- सर्वे में खुलासा, खानपान और जीवन शैली में परिवर्तन का बड़ा असर
गरिमा जोशी
उत्तरप्रदेश के लोग तेजी से मोटे होते जा रहे हैं। बीते पांच वर्षों में प्रदेश में मोटे लोगों की आबादी 40 फ़ीसदी तक पहुंच गई है। महिलाओं अधिक शिकार हो रही है। चौंकाने वाला ये खुलासा राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वेक्षण -5 की रिपोर्ट में हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार हाई टेक जीवन शैली और खानपान में परिवर्तन इसकी सबसे बडी वजह हैं। एक दशक पहले तक मोबाइल, कंप्यूटर व मशीनों का सबके जीवन में हस्तक्षेप नहीं था। पांच सालों में बड़ा बदलाव आया है। इसकी के परिणाम स्वरूप ये बदलाव देखने को मिल रहा है।
शहरी महिलाएं तोड़ रहीं रिकॉर्ड
मोटापे का सर्वाधिक असर महिलाओं की आबादी में देखने को मिला हैं। शहरी महिलाओं ने इस मामले में सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है। शहर की अकेली 30.6 फ़ीसदी महिलाएं मोटापे की चपेट में हैं। जबकि ग्रामीण इलाकों की 18.3 फ़ीसदी जबकि कुल 21.3 फीसदी महिलाएं मोटापे की शिकार हैं। इन महिलाओं में गर्भवती और दूध पिलाने वाली माताएं शामिल नहीं हैं। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015-16 में 16.5 फ़ीसदी आबादी मोटापे की शिकार थी। इनका बीएमआई 25 से अधिक पाया गया था।
पुरुषों की18.5 फ़ीसदी आबादी मोटी
मोटापे के मामले में पुरुषों की आबादी भी बढ़ी है। रिपोर्ट में मुताबिक 2015-16 में 12.5 फ़ीसदी पुरुष आबादी ही मोटी थी लेकिन 2019-21 में ये संख्या तेजी से बढ़ी है। शहरी इलाकों में 24.9 और ग्रामीण इलाकों में 16.2 फीसदी पुरुषों की आबादी में अधिक वजन पाया गया।
घटा कम वजन वालों का आंकड़ा
प्रदेश में ऐसी आबादी में काफी कमी आई है जिनका बीएमआई 18.5 से कम मिला है। पुरुष वर्ग में 17.9 फ़ीसदी जबकि महिलाओं में 19 फ़ीसदी आबादी में मानकों से कम वजन मिला। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के हिसाब से इनका वजन सामान्य से कम है। ग्रामीण इलाकों में ऐसे लोग अधिक हैं। महिलाओं की 20 फ़ीसदी जबकि पुरुषों की 19.5 फ़ीसदी आबादी इस श्रेणी में दर्ज़ की गई। शहरी इलाकों में महिलाओं और पुरुषों की 13.5 फ़ीसदी आबादी अंडरवेट मिली।
ये होता है बीएमआई (BMI)
बॉडी मास इंडेक्स या बीएमआई बताता है कि लंबाई से हिसाब से शहरी का वजन ठीक है या नहीं। शरीर में वजन और लंबाई के अनुपात को बताता है। मानकों के अनुसार सामान्य शरीर में 22.1 से अधिक बीएमआई नहीं होता है। इससे अधिक मोटापे की श्रेणी में आते हैं।