जैसा की पहले से ही अनुमान लगाया जा रहा था कि राहुल गाँधी रायबरेली को सीट को अपने पास रखेंगे और अपनी बहन प्रियंका गाँधी के लिए वायनाड सीट छोड़ेंगे, ये अनुमान आज उस वक्त सच साबित हुआ जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक प्रेस कांफ्रेंस में औपचारिक रूप से इसकी घोषणा की. उन्होंने एलान किया कि कांग्रेस पार्टी ने काफी सोचने समझने के बाद राहुल गाँधी से रायबरेली सीट रखने और वायनाड सीट छोड़ने का अनुरोध किया जिसे राहुल गाँधी ने स्वीकार किया, खड़गे ने आगे कहा कि वायनाड सीट से प्रियंका गाँधी को चुनाव लड़ाने का फैसला किया गया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है.
पत्रकार वार्ता में प्रियंका गांधी के वायनाड सीट से चुनाव लड़ने पर राहुल गांधी ने कहा, “अब आपके पास दो सांसद होंगे, मैं वहां जाता रहूंगा। वह वायनाड के लोगों की बहुत अच्छी प्रतिनिधि होंगी। वायनाड के लोगों ने मुझे बहुत मुश्किल समय में लड़ने के लिए समर्थन और ऊर्जा दी है.
वहीँ खड़गे की घोषणा के बाद टिप्पणी करते हुए प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, “मैं वायनाड का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम होने के लिए बहुत खुश हूं और मैं उन्हें राहुल गांधी की कमी महसूस नहीं होने दूंगी। मैं कड़ी मेहनत करूंगी और मैं सभी को खुश करने और एक अच्छी प्रतिनिधि बनने की पूरी कोशिश करूंगी।” उन्होंने आगे कहा, “मेरा रायबरेली और अमेठी से बहुत पुराना रिश्ता है और इसे तोड़ा नहीं जा सकता। मैं रायबरेली में अपने भाई की भी मदद करूंगी। हम दोनों रायबरेली और वायनाड में मौजूद रहेंगे।” हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने दोनों सीटों से जीत दर्ज की थी।
बता दें कि पिछले सप्ताह राहुल गांधी के कार्यालय ने लोकसभा की टेबल शाखा से उनके इस्तीफे की प्रक्रिया के बारे में जानकारी मांगी थी। दिशा-निर्देशों के अनुसार, कोई व्यक्ति दो सीटों से चुनाव लड़ सकता है, लेकिन दोनों सीटों पर बरकरार नहीं रह सकता। यदि कोई उम्मीदवार दो लोकसभा सीटों से निर्वाचित होता है, तो उसे परिणाम घोषित होने के 14 दिनों के भीतर उनमें से एक से इस्तीफा देना होगा। ऐसा न करने पर दोनों सीटें खाली हो जाएंगी। लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को घोषित किए गए थे। इसलिए राहुल गांधी को 18 जून तक फैसला लेना था। हाल ही में केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख के सुधाकरन ने संकेत दिया कि वायनाड सीट खाली हो सकती है।