महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव के मतदान के साथ आज यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए वोट डाले जा रहे हैं. मान-सम्मान और प्रतिष्ठा का सवाल बने ये उपचुनाव महाराष्ट्र और झारखण्ड से भी ज़्यादा चर्चा में है. आज दिनभर मतदान के दौरान लापरवाई और धांधली के आरोप विपक्ष की तरफ से पुलिस प्रशासन पर लगते रहे. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव आज काफी आक्रमक अंदाज़ में दिखाई पड़े और दिनभर हो रही इस तरह की घटनाओं को चुनाव आयोग के संज्ञान में लाते रहे और सबसे दिलचप बात तो ये रही कि आज चुनाव आयोग भी उनकी शिकायतों पर कार्रवाई करता रहा. खबर के मुताबिक अखिलेश की शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए चुनाव आयोग ने लापरवाही बरतने के आरोप में 10 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है.
यूपी के इतिहास में पहली बार किसी उपचुनाव में इतनी बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है.अखिलेश आज दिनभर लखनऊ में तैयार किये गए वार रूम में मोर्चा संभाले नजर आए. अखिलेश ने सुबह से ही एक एक घटना पर नज़र रखनी शुरू की और हर घटना को चुनाव आयोग के संज्ञान में लाते रहे. यहाँ तक कि पुलिस प्रशासन के रवैये को लेकर दोपहर में एक प्रेस वार्ता को भी सम्बोधित किया और चुनाव आयोग पर लगातार दबाव बनाते रहे जिसका नतीजा ये हुआ कि इलेक्शन कमीशन को लापरवाह पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा.
अखिलेश ने हर उस घटना के फोटो और वीडियोज़ को मांगकर सोशल मीडिया पर डालना और चुनाव आयोग को टैग करना शुरू किया जिनमें पुलिसवाले वोटरों को धमकाते हुए नज़र आये और इन घटनाओं में शामिल पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते रहे. वहीँ पार्टी के कई बड़े नेता चुनाव आयोग के दफ्तर में मौजूद रहकर हर घटना पर कार्रवाई के लिए दबाव भी बनाते रहे. अखिलेश ने जब इन घटनाओं को लेकर पत्रकार वार्ता की, उसके बाद चुनाव आयोग की तरफ से कार्रवाइयों का सिलसिला शुरू हुआ और अबतक दस पुलिस कर्मियों के खिलाफ एक्शन लिया जा चूका है. चुनाव आयोग द्वारा इस कार्रवाई को अखिलेश यादव की रणनीतिक जीत माना जा रहा है.